✍️'दीपदान एकांकी का उद्देश्य
डॉ० राम कुमार वर्मा द्वारा रचित एकांकी 'दीपदान' में महान बलिदान की गौरवमय इतिहास गाथा है।
इस एकांकी के माध्यम से 'देशवासियों के दिलों में बसी देशभक्ति को जगाना ही दीपदान' एकीकी का एकमात्र उद्देश्य है।
बनवीर ने नाच-गान के साथ दीपदान का उत्सव करवाया। नगरवासी नाच-गान में लग गये। बनवीर ने मौका देखकर महाराणा विक्रमादित्य की हुत्या कर दी। उसके बाद वह कुँवर उदयसिंह
की हत्या करने के लिए चल पड़ा।
लेकिन उदयसिंह की धाय माँ 'पन्ना' ने अपने पुत्र चन्दन को उदय सिंह के विस्तर पर सुला दिया।
बनवीर ने चन्दन को उदय सिंह समझकर तलवार से मौत के घाट उतार दिया। 'पन्ना' अपने आँखों के सामने अपने दिल के कलेजे को मारते देख चीखकर मूर्च्छित हो गई।
देश के खातिर एक माता कुमाता हो गई। मानव का सबसे सुरक्षित नाता देश के लिए कुर्बान हो गया। यही उजागर करना इस एकांकी का उद्देश्य है। पुत्र भक्ति से भी बड़ा देशभक्ति है।
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