📚 पुरुषत्व और हिंसा के बीच के सम्बन्ध
पुरुषों की हिंसा और आक्रामकता :पिता प्रधान समाज में पुरुषों की हिंसा और आक्रामकता को पुरुषत्व की निशानी समझा जाता है। पुरुषों से उम्मीद की जाती है कि वे परिवार में महिलाओं और बच्चों के अन्नदाता और संरक्षक बनें। इस प्रकार पारिवारिक सदस्यों को अनुशासन में रखने को पुरुष अपना कर्तव्य मानते हैं ताकि परिवार की प्रतिष्ठा सुरक्षित रहे।
पुरुषों से महिलाओं की आश : रोचक तो यह है कि कई महिलाएँ यह स्वीकार करती हैं कि अगर अपने पति की माँगों को पूरा न कर पाने पर पति द्वारा उन पर हिंसा का प्रयोग किया जाता है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। ऐसा महिलाओं के सामाजिक प्रशिक्षण के कारण होता है।
पुरुष हिंसा को समाज द्वारा अनदेखा करना :
घरेलू हिंसा निजी या गोपनीय स्तर पर नहीं होती। समुदाय को इसकी जानकारी होती है लेकिन परिवार का निजी मामला मानकर इसकी अनदेखा कर दी जाती है।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
No comments:
Post a Comment