Saturday, November 19, 2022

4 नदी मातृ सभ्यता का नाम बताएं यह नदी घाटी ही क्यों विकसित हुआ

 📚 चार नदी मातृ सभ्यता का नाम बताए। ये नदी घाटी ही क्यों विकसित हुई?"

🏆चार मातृक नदी सभ्यता के नाम:

1) दजला और फरात नदियों की घाटियों में मेसोपोटामिया की सभ्यता
 ii) नील नदी के किनारे मिस्र की सभ्यता 
iii) सिन्धु नदी घाटी में सिन्धु घाटी सभ्यता 
iv) ह्वांग हो यांगटीसिक्यांग और सी क्यांग और नदियों के किनारे चीन की सभ्यता 
🦜प्राचीन सभ्यताओ का नदियों के किनारे विकसित होने के कारण :-
नव पाषण काल के प्रारम्भ में मनुष्य नदियों के किनारे अपना स्थायी निवास बनाया और इस तरह विश्व के प्राचीन चार सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे हुआ। इसके निम्नलिखित कारण थे:-
1) अधिकार के लिए क्षेत्र :- आविष्कार विकास के लिए आवश्यक है। नदियों के किनारे सभ्यत विकसित हुई, क्योकि यहाँ अविष्कार के लिए उपयुक्त साधन उपलब्ध थे। मिस्र में नील नदी के किनारे पर उगने वाले सराकंडो जिसे पेपिरस (papyrus) कहते थे, से कागज के पन्नों का निर्माण हुआ ।समय जानने के लिए घड़ी और कैलेण्डर की खोज हुई।

ii) स्थायी निवास की खोज :- स्थायी निवास स्थान की खोज में मनुष्य नदी घाटी की ओर पहुँचे। यहाँ की उर्वर भूमि ने उनके भोजन और आवास की समस्या का समाधान कर उन्हें स्थायित्व प्रदान किया।

(ii) कृषि और पशुपालन के लिए जल की आवश्यकत : प्राचीन काल में कृषि और पशुपालन जीविका के दो प्रमुख साधन थे। नदी की घाटियाँ ही ऐसी थी जहाँ पशुओं के लिए चारागाह तथा कृषि के लिए पानी मिल सकता था।

iv)जीवन के लिए जल की आवश्यकता :जीवित रहने के लिए वायु और जल परम आवश्यक है।बढ़ती जनसंख्या के लिए पर्याप्त मात्रा में जल नदीयों से ही सदा मिलता था। इसी से नदी घाटियों को सभ्यता के लिए चुना गया।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


No comments:

Post a Comment

📚हरिशंक हरिशंकर परसाई द्वारा रचितकहनी 'भोलाराम का जीव' का सारांश अपने शब्दों में लिखें।

📚हरिशंक हरिशंकर परसाई द्वारा रचितकहनी 'भोलाराम का जीव' का सारांश अपने शब्दों में लिखें।  ✍️ भोलाराम को मरे 5 दिन बीत गये। पर, यमदू...