Saturday, November 19, 2022

विद्यानिवास मिश्र के निबंध मेरे राम का मुकुट भीग रहा है का सारांश अपने शब्दों में लिखिए

📚विद्यानिवास मिश्र के निबंध ' मेरे राम का मुकुट भीग रहा है' का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
 मेरे राम का मुकुट भीग रहा है' का सारांश
विद्यानिवास मिश्र द्वारा रचित ललित निबंध ' मेरे राम का मुकुट भीग रहा है' में विद्यानिवास मिश्र ने पिछली पीढ़ी और अगली पीढ़ी के बीच का अंतर द्वंद्व को पाठकों के समक्ष उजागर किया है। इसे निम्नलिखित शीर्षकों के माध्यम से देखा जा सकता है: -
(i) बेचैन मन: स्थिति: निबंध नका प्रारंभ लेखक के उदास मन के साथ होता है। इसकी वजह वह आस-पास के माहौल और अपनी सोच को देते हैं।
(ii) संगीत कार्यक्रम का उल्लेख: न चाहते हुए भी अपने सुपुत्र और मेहमान लड़की को अपने एक साथी के साथ संगीत कार्यक्रम सुनने के लिए उन्हें भेजना पड़ा।
(iii) अपने वर्तमान पीढ़ी के प्रति पिछली पीढ़ी का चिंता: जब लेखक खुद विदेश पढ़ने जाते थे तो उनकी दादी - नानी की चिंता को वह नहीं समझ पाते थे और खुद के लड़के को संगीत कार्यक्रम से देर लौटने पर उन्हें चिंता होती है।
निष्कर्ष: इस तरह इस निबंध के माध्यम से लेखक ने यह दिखाना चाहा है कि हमेशा पिछले पीढ़ी को अगली पीढ़ी की चिंता सताए रखता है। यही इस निबंध का सारांश है।
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